
हम लड़कियां क्यों छेड़ते हैं
न्यूज प्राइम टाइम बहस में अभूतपूर्व भीड़ है। विषय ही कुछ ऐसा है, जिस पर बात करने और सुनने के लिए सब उतावले हो रहे हैं। विभिन्न दलों के प्रतिनिधि …
हम लड़कियां क्यों छेड़ते हैं Read MoreJournalist at Dainik Bhaskar
न्यूज प्राइम टाइम बहस में अभूतपूर्व भीड़ है। विषय ही कुछ ऐसा है, जिस पर बात करने और सुनने के लिए सब उतावले हो रहे हैं। विभिन्न दलों के प्रतिनिधि …
हम लड़कियां क्यों छेड़ते हैं Read Moreपुरुष का चेहरा न जाने क्यों इन दिनों मोम जैसा नजर आ रहा है, जो हल्की सी गर्मी से पिघल जाता है, कुरूप हो जाता है। भारतीय महिलाओं द्वारा शुरू …
नवरात्रि से पहले मोम की तरह पिघलते चेहरे Read Moreहमारे धार में मौलाना कमालुद्दीन का उर्स लगता है। उसमें बड़ा मेला भी होता है, जिसमें पुराने कपड़ों की बड़ी मंडी लगती है। इसमें कोट सूट और स्वेटर से लेकर …
अबकी बार ढाई रुपए की सरकार Read Moreमोहल्ले में तीन दिन से पानी नहीं आ रहा था। किसी ने नेताजी को खबर की, बर्तन सूखे हैं। लोग बेहाल हो रहे हैं। नेताजी कुछ लोगों के साथ पालिका …
मां खादी की चादर दे दे Read Moreमंच सजा हुआ है, दरबार चल रहा है। धर्म राज की स्थापना के लिए हर नित नए कौतुक किए जा रहे हैं। राजा को रंग से बड़ा लगाव है, इसलिए …
धर्म की लीला राम Read Moreसुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने सदियों से स्त्री को गुलाम बनाकर उस पर शासन के दंभ को जी रहे पुरुषवादियों को एक और करारा झटका दिया है। धारा 497 …
वह बपौती नहीं है Read Moreसुप्रीम कोर्ट ने अदालत की कार्रवाई का सीधा प्रसारण करने की इजाजत दे दी है। तब से सोच में डूबा हूं कि इन कैमरों को अदालत में क्या देखने को …
क्या देखेंगे और क्या दिखाएंगे कैमरे Read Moreएक गांव में एक सेठ रहता था। सेठ बहुत परोपकारी था। खास बात यह थी कि उसने सबकुछ अपनी मेहनत से कमाया था। पैसा कमाने, बचाने और सही जगह लगाने …
घोड़ों पर सवार विमान Read Moreपूरी रात प्रेम की बारिश होती रहे तो सुबह की हर अंगडाई महक उठती है। रोम-रोम से जैसे झरना फूट पड़ता है। तिस पर कयामत तब होती है, जब वह …
भीगे बालों की खुशबू Read Moreसत्ता सुंदरी विद्योत्तमा से शास्त्रार्थ में परास्त तमाम विद्वान फिर उसी खोज में निकल पड़े हैं। खोज कालिदास की, जो अपनी ही शाखा को काट रहा हो। हर शाख पर …
हर शाख पर कालिदास की खोज Read More