दीवार का वही दृश्य। दोनों भाई फ्लायओवर के नीचे खड़े हैं। माहौल बेहद गर्म है। एक चीखकर कहता है, भाई तुम उन लोगों के नाम क्यों नहीं बता देते, जो टैक्स कम नहीं कर रहे हैं। इस कागज पर साइन करके सबको बेनकाब कर दो। दूसरा जवाब देता है, पहले उस आदमी का दस्तखत लेकर आओ, जिसनेे कहा था कि पेट्रोल 40 रुपए लीटर मिलेगा। तुम नहीं जानते हो कि इस टैक्स से क्या होता है। इसी से मेरे पास गाड़ी है, बंगला है, बैंक बैलेंस है, तुम्हारे पास क्या है। पहला जवाब देता है, मेरे पास पेट्रोल है भाई।
डीडीएलजे का क्लाइमेक्स सीन। सिमरन के लिए राज और उसके दोस्त में जबरदस्त लड़ाई चल रही है। एक-दूसरे को पटक-पटकर कर मार रहे हैं। दोनों लहूलुहान हैं। बाकी के लोग भी लड़-लडक़र बेहाल हो गए हैं, लेकिन दार जी मानने को तैयार नहीं है। ट्रेन सिटी बजा देती है, अनुपम खेर ट्रेन में पहुंच गए हैं। इधर, लड़ाई अनिर्णित ही खत्म होने को होती है। क्योंकि अमरीश पुरी सिमरन का हाथ छोडऩे को तैयार ही नहीं होते हैं। इसी बीच अनुपम खेर पेट्रोल से भरी एक कैन हाथ में उठा लेते हैं। कैन देेखते ही अमरीश पुरी की आंखें चमक जाती है। हाथ की पकड़ खुद ब खुद ढीली पड़ जाती है। कहते हैं, जा सिमरन जा। जी ले अपनी जिंदगी। इसके बाप के पास पेट्रोल है।
मैंने प्यार किया में आलोक नाथ बेटी का हाथ सौंपने के लिए वही शर्त रखते हैं। सलमान को उसकी हैसियत दिखाते हैं कि बाप के बगैर तुम्हारी औकात ही क्या है। जब खुद के दम पर दो लीटर पेट्रोल रोज कमाने की हैसियत हो जाए, उस दिन मेरे पास आना। सलमान, भाग्य श्री को पाने के लिए सारे ऐशो आराम छोडक़र खदानों की खाक छानने लगता है। गाडिय़ां चलाता है, पत्थर तोड़ता है। आखिर में जब तनख्वाह मिलती है तो वह खुशी-खुशी पेट्रोल लेकर आलोक नाथ के सामने रखना चाहता है। वह पेट्रोल लेकर निकलता ही है कि मोहनीश बहल के गुंडे रास्ता रोक लेते हैं। खूब लड़ाई होती है, लहू लुहान सलमान आखिर में पेट्रोल की कैन बचाने में कामयाब हो जाता है, थोड़ा पेट्रोल गिर जाता है, लेकिन प्रेम जीत जाता है। आलोक नाथ बेटी को लेकर आता है और उसका हाथ प्रेम को सौंप देता है। कहता है, बेटी अगर ये पेट्रोल कमा सकता है तो तुझे भी खुश रख पाएगा।
मिस्टर एंड मिसेस खिलाड़ी में फिर वही खेल। जूही चावला की जिद पर कादर खान अक्षय कुमार से उसकी शादी तो कर देता है, लेकिन वैवाहिक जीवन शुरू करने के लिए एक लाख लीटर पेट्रोल की शर्त रख देता है। मुफ्तखोर अक्षय पहले यहां वहां से पेट्रोल की जुगाड़ करने की कोशिश करता है। बोतल और पाइप साथ रखता है, जहां कहीं कोने में कोई गाड़ी खड़ी मिलती है, कैन भरने लगता है, लेकिन उसकी चोरी पकड़ी जाती है। आखिर में उसे एक सूमो फाइट के बारे में पता चलता है, जिसमें सूमो पहलवान को हराने वाले को खूब सारा पेट्रोल इनाम में दिया जाने वाला रहता है। जूही के लिए अक्षय अपनी जान दांव पर लगा देता है। सूमो पहलवान को हराकर पेट्रोल जीतता है, जिसे देखकर कादर खान का सीना चौड़ा हो जाता है। मेरा दामाद पेट्रोल लेकर आया है। वह खुशी-खुशी अक्षय को बेटी के साथ रवाना कर देता है।
थ्री इडियट में रेंचो को खोजते हुए आखिरकार चतुर रामलिंगम उसके स्कूल पहुंच ही जाता है। साथ में फरहान और राजू भी होते हैं। चतुर रेंचो की स्थिति देखकर खुश हो जाता है, उससे डील साइन करा लेता है। वह खुश होकर आगे बढ़ता ही रहता है। राजू और फरहान उसे इग्नोर करने का मंत्र सुनाते ही रहते हैं, तभी रेंचो को कुछ याद आता है वह पीछे छुपाकर रखी पेट्रोल की कैन बाहर निकालकर रखता है। चतुर को फोन करता है, कैन देखते ही चतुर की हवा निकल जाती है। घबरा जाता है, कहता है, तुमने मुझे गलत साबित किया। मुझे पता था कि तुम लाइफ में कुछ करोगे, लेकिन इतना बड़ा करोगे मुझे अहसास नहीं था। वह घूम जाता है, वही कहता है जहापना तुसी ग्रेट हो तोहफो कबूल करो।
आखिर में मशाल फिल्म का वह ऐतिहासिक दृश्य। दिलीप कुमार बीमार पत्नी वहीदा रहमान को लेकर अस्पताल के लिए निकले हैं। रास्ते में गाड़ी का पेट्रोल खत्म हो गया है। सडक़ के किनारे पत्नी दर्द से तड़प रही है और इधर दिलीप कुमार गाडिय़ां रोकने की कोशिश कर रहे हैं। चीख रहे हैं, चिल्ला रहे हैं। अरे, कोई गाड़ी रोको भाई। मेरी पत्नी बीमार है, पेट्रोल खत्म हो गया है, थोड़ा पेट्रोल दे दो। कोई नहीं सुनता है। बड़ी-बड़ी गाडिय़ों में लोग सपाटे से निकल जाते हैं। दिलीप कुमार सोचते हैं, इतनी बड़ी गाडिय़ों में घूमते हैं, क्या ये लोग चंद बूंदें पेट्रोल नहीं दे सकते। पत्नी की पीड़ा उनसे सही नहीं जा रही है, लेकिन विवश हैं।
गाड़ी के साथ पत्नी की जिदंगी का पेट्रोल भी खत्म हो जाता है। वह ठगे रह जाते हैं। जैसे ठगी रह गई है, देश की जनता। 40 रुपए लीटर पेट्रोल की कुलांचे भरती उम्मीद इतना बड़ा धोखा देगी किसी ने सोचा नहीं था।
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