
सवर्णों के गुस्से में छुपी लोकतंत्र की जीत
मुर्दा जिस्म सिर्फ श्मशानों के काम आते हैं। जिंदा कौमें अपनी बारी का इंतजार नहीं करती। वह लडऩा जानती है। हार-जीत का सवाल तो कभी रहा ही नहीं। सवाल अपनी …
सवर्णों के गुस्से में छुपी लोकतंत्र की जीत Read MoreJournalist at Dainik Bhaskar
मुर्दा जिस्म सिर्फ श्मशानों के काम आते हैं। जिंदा कौमें अपनी बारी का इंतजार नहीं करती। वह लडऩा जानती है। हार-जीत का सवाल तो कभी रहा ही नहीं। सवाल अपनी …
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