
रिश्तों की सांस नली में कोरोना
कलेजे का टुकड़ा यूं बेहाल हो तो किसे अपनी जान की फिक्र होगी, यही सोचता-समझता आया है जमाना अब तक, लेकिन कोरोना ने खौफ किस कदर बढ़ा दिया कि चीखें भी बेअसर है
Read MoreJournalist at Dainik Bhaskar
कलेजे का टुकड़ा यूं बेहाल हो तो किसे अपनी जान की फिक्र होगी, यही सोचता-समझता आया है जमाना अब तक, लेकिन कोरोना ने खौफ किस कदर बढ़ा दिया कि चीखें भी बेअसर है
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